ध्यान क्या है?
आज के इस
आधुनिक जीवन में ध्यान
करना बहोत जरुरी
माना जाता है। अलग अलग धर्मो में ध्यान की अलग प्रक्रिया बताई गई है। फिर
भी आजके समय में अलग अलग गुरुओं ने विक्सित की हुई ध्यान की विविध प्रणालियाँ अधिक
लोकप्रिय हो रही है। इन सभी प्रणालियों
में ध्यान याने शरीर को विशिष्ट अवस्था में रखकर ( आसन ) मन को अपनी सांसो से
एकाग्र करना होता है। इसकेलिए पद्मासन अथवा सुखासन (साधी पालथी मरकर बैठना ) यह
आसन करना आसान माने जाते है। इसीप्रकार एकांत में बैठकर आँखें बंद करके अपनी सांसों
में ध्यान केंद्रित करना यह ध्यान का एक बहुत ही लोकप्रिय प्रकार हो गया है। आँखों
को खोल कर बैठना और अपनी पलकें न झपकते हुए किसी एक बिंदु या किसी चीज़ पर एकटक
देखना इसे ध्यान कहा जाता है। इनसब ध्यान की प्रक्रियाओं से मन एक विशिष्ट स्थिति
में चला जाता है, और एकाग्रता
प्राप्त होती है और एक विशिष्ट मानसिक स्थिति प्राप्त होती है।
ध्यान क्यों करना
चाहिए?
ध्यान क्यों करना चाहिए इस प्रश्न का असंख्य गुरुओं ने
असंख्य जवाब देते है। हमारे रोज के जीवन में निर्माण होरहे मानसिक तनाव से छुटकारा पाने से लेकर ईश्वर प्राप्ति तक ऐसे
ध्यानके अनेक उपयोग बताये जाते है। ध्यान करने वले को क्या चहियुए उसपर से ध्यान
का तरीका ठहराया जाता है। क्योंकि प्रत्येक ध्यान प्रणाली का अपना एक परिणाम होता
है। और वह ध्यान प्रणाली व्यक्ति को उस मानसिक परिणाम तक लेजाती है।
ध्यान को
कैसे करे ?
यह बात हमें खयाल में ले लेना चहिये।
ध्यान को सिर्फ सीधा-सीधा नहीं किया जाता, किसी। बात का बंधन नहीं होना चाहिए की हमें ऐसेही ध्यान
करना है। इसीलिए तो नाचने और गाने में लीन
हो जाना इसे भी एक ध्यान कहा जा सकता है। अचानक हम पायेंगे की, हवा के झोंके की तरह ध्यान आया,
हमें नहला गया, हम्हारा रोआं-रोआं पुलकित कर गया, ताजा कर गया। धीरे-धीरे हम समझने
लगेंगे इस कला को, ध्यान का कोई विज्ञान नहीं है, यह एक कला है। धीरे-धीरे हम समझने लगेगे कि किन घडिय़ों में ध्यान घटता है, उन घडिय़ों में मैं कैसे अपने को खुला छोड़ देँ। जैसे ही हम इतनी सी बात सीख गए, हम्हारे हाथ में जीवन जीने की ध्यान के रहस्यों की चाबी आ गयी है।
ध्यान कब करे ?
खुशियों के पल
में ध्यान सबसे आसान होता है! इसलिए ध्यान
के सूत्र बहुत ही अलग हैं। जब तुम्हारा मन
बहुत खुश मालूम पड़े। जैसे जब कोई मित्र अजाये, बहुत दिनों बाद मिले हैं, गले लगे हैं, गपशप हुई है, मन ताजा है, हलका है, खूब प्रसन्न हो तब यह एक बहुत ही अच्छा मौका है हमें ध्यान करने
का। हमें बैठ जाना है एकांत में। इस घड़ी में सुख का सुर बज रहा है, परमात्मा बहुत करीब है। और ऐसेही मओकोपर
ध्यान का असली आनंद और परिणाम मिलता है।
ध्यान करने के फायदे क्या है
ध्यान करेने से
हमें शांतिपूर्ण मानसिक स्थिति मिलती है ,अच्छी एकाग्रता प्राप्त होती है। बेहतर स्पष्टता और बेहतर संचार की स्थिति भी हमें मिलसकती है। हमारे मस्तिष्क
और शरीर का कायाकल्प हो जाता है और हमें सही में विश्राम मिलता है।
ध्यान करने से हमें क्या स्वास्थ्य लाभ मिल सकते है!
ध्यान करनेसे
हमारे शरीर के आंतरिक कार्यों में विशेष
परिवर्तन होते हैं और शरीर के हर कोशिका ऊर्जा से भर जाती है। शरीर में बढ़ी हुई
ऊर्जा खुशी, शांति और उत्साह के संचार
को बढ़ाती है।
शारीरिक स्तर पर ध्यान के क्या फायदे होते है!
ध्यान हमारे शरीर के
उच्च रक्तचाप को कम करता है , चिंता और व्याकुलता में भी कमी अति है। तनाव से संबंधित शरीर में कम दर्द होता है।
तनाव से उत्पन्न सिरदर्द, घाव, अनिद्रा, मांसपेशी और संयुक्त दर्द से राहत मिलती है ।प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार
होता है।
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